जनसामान्य की शिकायतों का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकताओं के अनुरूप किये जाएं: जिलाधिकारी श्री चन्द्र विजय सिंह
अयोध्या
जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह नेआई0जी0आर0एस0 के अन्तर्गत मा0 मुख्यमंत्री सन्दर्भ, जिलाधिकारी सन्दर्भ, ऑनलाइन प्राप्त सन्दर्भ, भारत सरकार पी0जी0 पोर्टल सन्दर्भ, शासन राजस्व परिषद निदेशालय सन्दर्भ, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, महिला हेल्प डेस्क, एन्टी भू-माफिया सहित आदि संदर्भों की विस्तृत समीक्षा की गयी। उन्होंने आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर सम्पूर्ण समाधान दिवस की खराब आख्या पाये जाने पर पूर्ति निरीक्षक सोहावल अयोध्या शशांक सिंह चौहान, प्रभारी निरीक्षक थाना रौनाही पंकज कुमार सिंह, तहसीलदार बीकापुर धर्मेन्द्र कुमार सिंह व तहसीलदार सोहावल विनोद कुमार चौधरी, लेखपाल क्षेत्र सहसीपुर बीकापुर गुलशन भारती, ग्राम पंचायत अधिकारी कटारी, विकास खण्ड बीकापुर कमलेश कुमार वर्मा को कारण बताओ नोटिस निर्गत कर 03 दिवस के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने जनपद के समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि दिनांक 01 अगस्त 2024 को आई0जी0आर0एस0 पोर्टल पर डिफाल्ट होने वाली शिकायतों की आख्या को दिनांक 31 जुलाई 2024 की सायं 5 बजे तक अनिवार्य रूप से गुणवत्ता पूर्ण निस्तारित करते हुये अपलोड करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि शासन के मंशानुरूप जनसामान्य की शिकायतों का निस्तारण शीर्ष प्राथमिकताओं के अनुरूप किये जायें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों का सम्बन्धित अधिकारी मौके पर जाकर मौका मुआयना कर फोटो सहित आख्या लगाकर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करें। उन्होंने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आई0जी0आर0एस0 पोर्टल का माह के अन्त में लगातार अवलोकन कर लंबित प्रकरणों का निस्तारण समय से करें, किसी भी प्रकरण को डिफाल्टर नहीं होने देना है। उन्होंने नोडल आई0जी0आर0एस0/अपर जिलाधिकारी प्रशासन अनिरूद्व प्रताप सिंह व पटल सहायक आई0जी0आर0एस0 कौशल श्रीवास्तव से कहा कि आई0जी0आर0एस0 पोर्टल की नियमित समीक्षा करते हुये पोर्टल से जुड़े समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को शिकायतों के निस्तारण में रूचि न लेने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सीधे अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।