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भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक “पद्म विभूषण” देश के महान श्री रतन टाटा जी हुए अलविदा

राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा अंतिम संस्कार

रतन टाटा के निधन पर देशभर में शोक की लहर है। उन्होंने 86 साल की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। टाटा के निधन पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने समूह की तरफ से संदेश जारी किया। चंद्रशेखरन ने पद्मविभूषण रतन टाटा योगदान को अतुल्य बताया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
दो दशक से अधिक समय तक समूह की मुख्य होल्डिंग कंपनी टाटा संस के अध्यक्ष रहे रतन टाटा ने शीर्ष पद संभालने से कई वर्ष पहले ही परोपकारी गतिविधियां शुरू कर चुके थे। 1970 के दशक में, उन्होंने आगा खान अस्पताल और मेडिकल कॉलेज परियोजना की शुरुआत की थी। टाटा ने जनवरी 2017 में सेवानिवृत्त होने के बाद नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा समूह का अध्यक्ष नियुक्त किया।

कॉर्पोरेट दिग्गज रतन टाटा को ‘धर्मनिरपेक्ष जीवित संत’ माना गया

दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक रतन टाटा कभी भी अरबपतियों की टाइम, फोर्ब्स, हुरुन जैसी किसी चर्चित सूची में शामिल नहीं रहे। यह इस बात की मिसाल है कि छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में काम करने वाली कंपनी के मुखिया होने के बावजूद टाटा सादगीपूर्ण जीवन जीना पसंद करते थे। शायद व्यक्तित्व के इसी पहलू के कारण कॉर्पोरेट दिग्गज रतन टाटा को ‘धर्मनिरपेक्ष जीवित संत’ माना गया। उनकी शालीनता और ईमानदारी के किस्से भी खूब सुर्खियों में रहे हैं। 1991 में अपने चाचा जेआरडी टाटा से टाटा समूह के अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले रतन ने आधी सदी से भी अधिक समय तक यह पद संभाला।

देश के “रतन”

भारत के 50वें गणतंत्र दिवस समारोह पर 26 जनवरी 2000 को रतन टाटा को तीसरे नागरिक अलंकरण पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें 26 जनवरी 2008 को भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। इसी वर्ष 14 फरवरी को नैसकॉम ग्लोबल लीडरशिप पुरस्कार भी उन्हें मिला। प्रधानमंत्री की व्यापार एवं उद्योग परिषद के सदस्य रतन टाटा को मार्च 2006 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय द्वारा 26 वें रॉबर्ट एस सम्मान से सम्मानित किया गया। आर्थिक शिक्षा में हैटफील्ड रत्न सदस्य का सम्मान भी उन्हें मिल चुका है। वे मित्सुबिशी निगम, अमेरिकन इंटरनेशनल समूह , जेपी मॉर्गन चेज़ और बूज़ एलन हैमिल्टन के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार बोर्ड की सदस्य भी रहे। वे रैंड निगम और अपनी कॉर्नेल विश्वविद्यालय और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के न्यासी मंडल के भी सदस्य रहे। इसके अलावा वे दक्षिण अफ्रीका गणराज्य की अंतरराष्ट्रीय निवेश परिषद और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के एशिया -पैसिफिक सलाहकार समिति के एक सदस्य रहे।

मानद उपाधि:

फरवरी 2004 में रतन टाटा को चीन के झोज्यांग प्रान्त में हांग्जो शहर में *मानद आर्थिक सलाहकार की उपाधि* से सम्मानित किया गया। उन्हें हाल ही में लंदन स्कूल ऑफ़ इकॉनॉमिक्स से मानद डॉक्टरेट की उपाधि मिली।

फॉर्च्यून व टाइम पत्रिका में स्थान:

नवम्बर 2007 में फॉर्च्यून पत्रिका ने उन्हें व्यापर क्षेत्र के 25 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया। मई 2008 में टाटा को टाइम पत्रिका की 2008 की विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया गया।

लखटकिया कार के जनक:

रतन टाटा का सपना था कि 1 लाख रुपये की लागत की कार बनायी जाए। 10 जनवरी, 2008 को उन्होंने टाटा *नैनो कार* लांच की।तीन मॉडलों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा था “वादा एक वादा है”

जगुआर व लैंड रोवर का स्वामित्व खरीदा:

26 मार्च 2008 को रतन टाटा के अधीन टाटा मोटर्स ने फोर्ड मोटर कम्पनी से जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया। ब्रिटिश विलासिता की प्रतीक, जगुआर और लैंड रोवर 2.3 अरब अमेरिकी डालर में खरीदी गई थी।

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