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श्री वराह मंदिर के पीठाधीश्वर महंत श्री श्री 1008 राम चंद्र गिरी जी महाराज का 104 वर्ष क़ी उम्र मे निधन
सोरो जी / कासगंज
उत्तर भारत के प्रमुख तीर्थ स्थल सोरो जी शुकर क्षेत्र का प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिर भगवान वराह मंदिर के
पीठाधीश्वर महंत कैलाश मठ के श्री श्री 1008 राम चंद्र गिरी जी महाराज का 104 वर्ष क़ी उम्र मे निधन बनारस मे निधन हो गया उक्त जानकारी उनके मंडले श्वर स्वामी आशुतोष नन्द जी महाराज ने दी,
स्वामी जी ने बताया क़ी परम्पू ज्य गुरुदेव भगवान आज ब्रह्मलीन हो गए गुरुदेव का आशीर्वाद सभी को प्राप्त हो कल दोपहर दो 12:00 बजे जल समाधि का कार्यक्रम बनारस मे होगा 30 अप्रैल को श्रद्धांजलि षोडषी भंडारा एवं संतों का समागम का कार्यक्रम होगा,.
विदित हो कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुँचे थे विगत महीने बनारस मे गुरूजी रामचंद्र गिरिजी महाराज का हाल चाल लेने कैलाश मठ पहुँचे थे, स्वामी आशुतोष नन्द जी महाराज ने बताया कि कैलाश मठ (काशी) के वरिष्ठ पूज्य गुरुदेव श्रीमत् परमहंस परिव्राजकाचार्य श्रोत्रीय ब्रह्मनिष्ठ श्री श्री 1008 वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी रामचन्द्र गिरी जी महाराज इस मायावी लोक को त्याग कर ब्रह्मलीन हो गए। उनका इस लोक का त्याग करना समस्त संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके सानिध्य में हम जैसे कई फूल खिले और समाज को खुशबू प्रदान करते रहे। उनका सम्पूर्ण जीवन संघर्षों में बीता। पूज्य गुरुदेव काशी के दिव्य पुरुषों में एक थे। उनका जन्म गुजरात के विलोदरा शहर मे हुआ था। उन्होंने गुजरात पुलिस के रूप में भी सेवा प्रदान किया। मन में प्रबल भक्ति भावना के संकल्प के साथ स्वामी जी भगवान बुद्ध तथा श्री गुरु गोविंद सिंह की धरती मगध (बिहार) पहुंचे तथा उन्होंने वहां मोक्षदायिनी गंगा के पवित्र तट पर दृढ़ विश्वास के प्रतीक वट वृक्ष के नीचे 12 वर्षों तक तपस्या की। उन्होंने अपना जीवन भिक्षाटन करके जिया तथा लोगों को गीता का उपदेश देते रहे। उसके पश्चात स्वामी जी काशी आ गए। उनकी संत सेवा भावना से प्रभावित होकर निवर्तमान महामण्डलेश्वर ने यह आश्रम उनको सौप दिया।