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गांधी जी सत्य अहिंसा के पुजारी थे- रामबख्स यादव प्रधानाचार्य

अयोध्या

अयोध्याधाम के एस ०एस०एस० टी विजय राघव विद्यालय (शिक्षक कालोनी)वासुपुर सिरसा जयसिंहपुर अयोध्या में विद्यालय के प्रधानाचार्य रामबख्श यादव ने गांधी जयंती के शुभ अवसर पर ध्वजारोहण किया साथ में माननीय रामचरित्र त्यागी अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य और शिक्षक शोभा रानी श्रीवास्तव,पूनम वर्मा,शोभा यादव, कृष्ण कुमार मौर्य,संदीप चौधरी, सचिन यादव, सन्ध्या तिवारी रमेश यादव छात्र/छात्राएं उपस्थित रहे। प्रधानाचार्य रामबख्श यादव ने गांधी की जयंती समारोह को संबोधित करते हुए कहा महात्मा गांधी जी ने देश के प्रति त्याग,समर्पण और बलिदान देने के लिए सदैव तैयार रहें। गांधी जी सत्य अहिंसा के पूजारी थे वे राष्ट के प्रति समर्पित भाव रखते थे उन्होंने ने सदैव भारत देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजी सरकार के अनेकों यातनाएं झेलनी थी । गांधी जी बिचार था जब तक हमारे देश का हर ब्यक्ति स्वतंत्र नहीं हो जाता,जबतक देश को आजादी नहीं दिलादूगा तब तक आराम से नहीं बैठूंगा और उनकी सोच थी हर व्यक्ति के शरीर पर जब तक वस्त्र नहीं हो जाएंगे जब तक हर व्यक्ति तीनों टाइम रोटी नहीं पाएगा जब तक हर व्यक्ति के घर नहीं बन जाएंगे तब तक हम लड़ाई या लड़ते रहेंगे इसका जीता जागता हूं था उन्होंने आदि धोती पहनते थे और आधी धोती को उड़ाते थे उनका इशारा था हर व्यक्ति के शरीर पर कपड़े हो हर व्यक्ति को भरपेट भोजन मिले हर व्यक्ति को रहने के लिए आवास हो जब तक यह नहीं होगा तब तक मैं गरीबों, शोषितों, पीड़ितों के बीच में रहूंगा। गांधी जी अंग्रेजों के खिलाफ अनेक आंदोलन चलाएं जिसमें गांधी जी को तमाम प्रकार की यात्राएं दी गई उन्हें जेल भेजा गया उन्हें काले पानी की सजा दी गई उन्हें बर्फ कि लिया पर लेट करके उनके ऊपर घोड़े दौरे गए फिर भी गांधी जी ने हिंसा नहीं किया वह अहिंसा के पुजारी थे उनका मानना था ना मैं मानूंगा ना मैं मारूंगा लेकिन देश की आजादी लेकर के ही रहूंगा गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार के द्वारा ले गए रोल्ट एक्ट कानून को हटाने के लिए आंदोलन चलाया उसे आंदोलन में भारत देश के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया गया जिसमें गांधी जी ने इसका विरोध किया और गांधी जी ने देशव्यापी आंदोलन चलाया उसे देशव्यापी आंदोलन से जलियांवाला बाग में विशाल लाखों की भिड़े के एकत्रित करके एक सभा की उसे सभा को देखकर अंग्रेज जनरल घबरा गया और जलियांवाला बाग को चारों तरफ से घर आकर के नित थी भारतीय जनता को ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई जिसमें लगभग 700 लोग मारे गए हजार लोग घायल हुए थे फिर भी गांधी जी ने बड़ी सूझबूझ से कम लिया आंदोलन को स्थगित किया कुछ दिनों के बाद पुनः आंदोलन चलाया एक दिन ऐसा आया ब्रिटिश सरकार के लोग भारतीय नेताओं से घबरा करके देश को आजाद करने के लिए ए ओर हूम नामक अंग्रेज ने 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद होने की घोषणा कर दी गांधी जी के नेतृत्व में सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद,भगत सिंह, अशफ़ाकउल्ला खां ,राजेंद्र लहरी, राम प्रसाद बिस्मिल, बहादुर शाह जफर आदि के सहयोग से भारत देश को आजादी मिली गांधी जी त्यागी पुरुष थे, इसलिए हम सब लोग गांधी जयंती बड़ी धूमधाम से मनाते हैं और गांधी जयंती के शुभ अवसर पर आप सबको अपील करता हूं मुझे देश में गांधी के समर्थकों की सरकार बने समता मूलक समाज की स्थापना हो, समाजवादी बिचारी धारा का बिकास हो ,देश में वैज्ञानिकता बड़े, देश से वाहिआडंबर हटे, जिससे व्यक्ति ,क्षेत्र ,देश का विकास हो सके।

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