उत्तर प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोह ‘अयोध्या फिल्म फेस्टिवल : प्रवक्ता जनार्दन पांडेय (बबलू पंडित)
अयोध्या
धर्मनगरी में 7-9 दिसंबर 2024 को आयोजित होने वाले 18वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल की तैयारियां वैश्विक स्तर पर जोरों पर हैं। गुरुनानक गर्ल्स कॉलेज सभागार, उसरू में आयोजन समिति द्वारा इस तीन दिवसीय फिल्म समारोह के आधिकारिक पोस्टर का विमोचन किया गया। इस बार आयोजन को और अधिक प्रभावी बनाने की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें फिल्म और कला जगत से जुड़ी हस्तियों के साथ सीधा संवाद और फिल्म निर्माण की बारीकियों को सीखने का अवसर सिनेप्रेमियों को मिलेगा।
उत्तर प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोह ‘अयोध्या फिल्म फेस्टिवल’ काकोरी एक्शन के महानायक पं. राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ और अशफाक उल्लाह खान की स्मृति में हर वर्ष बिना किसी स्पॉन्सरशिप के आयोजित होता है। इस वर्ष काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी वर्ष होने के कारण चंबल संग्रहालय द्वारा विशेष प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी। इसमें काकोरी केस से संबंधित पत्र, डायरी, टेलीग्राम, स्मृति चिन्ह, समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें, तस्वीरें और मुकदमे की फाइलें शामिल होंगी, जो स्वतंत्रता संग्राम के इस स्वर्णिम इतिहास को नई पीढ़ी में देशभक्ति की भावना उत्पन्न करने का काम करेंगी।
इस वर्ष के 18वें अयोध्या फिल्म समारोह में ‘भारतीय धरोहर’ विषय पर फिल्म निर्माण प्रतियोगिता रखी गई है। जूनियर, सीनियर और अन्य वर्ग इस विषय पर तीन से पांच मिनट की फिल्में बनाकर 1 दिसंबर तक जमा कर सकते हैं। इस प्रतियोगिता में शामिल सर्वश्रेष्ठ फिल्मों का प्रदर्शन और सम्मान समारोह भी होगा।
विभिन्न देशों के सैकड़ों फिल्मकार अपनी फिल्में अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के लिए भेजते रहे हैं। ज्यूरी सदस्यों द्वारा चयनित बेहतरीन सरोकारी फिल्में समारोह में प्रदर्शित और पुरस्कृत की जाती हैं। इस आयोजन के दौरान कला से जुड़े अन्य विविध कार्यक्रम भी होंगे।
आयोजकों ने बताया कि यह महोत्सव विभिन्न देशों के फिल्म निर्माताओं को फिल्म प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है, जहां नई भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फीचर-लेंथ फिल्में, उच्च गुणवत्ता वाली लघु फिल्में, वृत्तचित्र, संगीत वीडियो और वेब श्रृंखला की स्क्रीनिंग के साथ-साथ चर्चात्मक सत्रों का आयोजन भी होता है। महोत्सव नई फिल्मों की स्क्रीनिंग को प्राथमिकता देता है और सभी श्रेणियों की प्रस्तुतियों पर पहले से विचार किया जाता है।
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के संस्थापक-निदेशक डॉ. शाह आलम राना ने बताया कि यह फिल्म फेस्टिवल मनोरंजन से लेकर शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक से लेकर विचारोत्तेजक, हास्य से लेकर व्यंग्यात्मक फिल्मों को प्रदर्शित करने का मंच है। 18वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल में ज्यूरी सदस्यों द्वारा 30 नवंबर तक बेहतरीन फिल्मों का चयन कर लिया जाएगा और 1 दिसंबर को इसकी अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
अयोध्या फिल्म फेस्टिवल स्थानीय और वैश्विक सिनेमाप्रेमियों के बीच एक सेतु का कार्य करता है। यह फेस्टिवल हमेशा से दर्शकों के लिए निःशुल्क रहा है और कला प्रेमियों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता रहा है।
18वें अयोध्या फिल्म फेस्टिवल के लिए भारत सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, भारतेन्दु नाट्य अकादमी के निदेशक बिपिन कुमार, और राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक अरुण सिंघल (आईएएस) आदि ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।
पोस्टर विमोचन समारोह में आयोजन समिति के अमनदीप सिंह, आदित्य प्रताप सिंह मल्ल, जनार्दन पांडेय ‘बबलू’, धर्मेन्द्र वर्मा, सनप्रीत सिंह, सचिन गुप्ता, विवेक पांडेय आदि ने अपनी बात रखी और तीन दिवसीय आयोजन की सफलता के लिए अपनी जिम्मेदारियां लीं।