धर्म

संतों की मणिमाला में एक थे महंत जानकी शरण: महन्त राजीव लोचन शरण जी महाराज

अयोध्या धाम

स्वर्गद्वार स्थित सिद्धपीठ श्री सद्गुरु बधाई भवन मन्दिर के पूर्वाचार्य साकेतवासी महंत जानकी शरण महराज की 22 वी पुण्यतिथि पर अयोध्या के संतों महंतों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि श्री महाराज जी अयोध्या के संतों की मणिमाला में एक थे और हमेशा प्रभु की सेवा और गौ सेवा संत सेवा अतिथि सेवा में लीन रहते थे। सेवा को ही ईश्वर प्राप्ति का रास्ता मानते थे। श्रद्धांजलि सभा के अवसर पर मंदिर के वर्तमान महन्त राजीव लोचन शरण महाराज ने कहा कि स्वामी जानकी शरण अद्वितीय संत रहे। साथ ही धार्मिक विद्वान के साथ ही सभी भक्तों को सद मार्ग प्रदान किया। वे सदैव ही साधु संत समाज को नई दिशा प्रदान किए। हम सभी को उनके बताए हुए पद चिन्हों पर चलना चाहिए। इसके अलावा अयोध्या के प्रमुख धर्म आचार्यों ने भी उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर वृहद रूप से प्रकाश डालें। इस दौरान हजारों की संख्या में विराट साधु संत समाज का विशाल भंडारा हुआ। जिसमें आए समस्त संतों को मंदिर के परमार्थी गौ संतसेवी महन्त राजीवलोचन शरण जी महाराज ने अंग वस्त्र भेंटकर स्वागत सम्मान किया श्रद्धांजलि सभा में मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास , जगतगुरु राम दिनेशाचार्य,लक्ष्मण किला के महंत मैथिली रमण शरण,बावन मंदिर के महंत वैदेही बल्लभ शरण, राम वल्लभाकुंज के अधिकारी राजकुमार दास, मंगल भवन के महंत कृपालु राम भूषण दास जी महाराज , श्रीराम आश्रम के महंत जयराम दास,महंत जनमेजय शरण, महंत अवधेश कुमार दास, महंत रामकुमार दास, रंग महल, महंत राम प्रवेश दास,महंत राम शरण दास,नागा राम लखन दास, डा.प्रभाकर मिश्र, महंत राम लखन, शरण, पुजारी राम गोपाल शरण, सुकेश तिवारी, सुरज मिश्र, अवधेश तिवारी, महंत विनोद शरण,सहित हजारों संत महंत उपस्थित होकर श्री महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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